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Santa Claus Story in Hindi : जानें सांता क्लाॅस की कहानी और उनसे जुड़े किस्से

 

Santa Claus Story in Hindi : जानें सांता क्लाॅस की 

कहानी और उनसे जुड़े किस्से

गाँव की ठंडक में बदलते दिसंबर के मौसम ने सारे छोटे बच्चों को उत्साहित कर दिया था। एक छोटे से गाँव में रहने वाला एक गरीब बच्चा भी अपने मित्रों के साथ खुशियों की तैयारी में जुटा हुआ था। इस गरीब परिवार का एकमात्र संदेह था कि क्या सांता क्लॉज उनके छत्रा को इस बार कोई तोहफा देंगे?

 

छोटा गाँव, जिसमें यह बच्चा रहता था, विशेष रूप से दिसंबर में अपनी सुंदरता से सजता था। उस छोटे से गाँव की सड़कों पर एकत्रित हुई लोगों की मुस्कानें और उत्साह ने वहां की हवा को भी खुशी से भर दिया था। छोटे से बच्चे को भी इस उत्साहित माहौल में हिस्सा बनने का इंतजार था।

 

इस बच्चे का नाम दीपू था, और वह अपने माता-पिता के साथ एक छोटे से कुटीर में रहता था। उनके पास बहुत सी खुशियों की कमी थी, लेकिन वह अपने माता-पिता के साथ हमेशा प्यार भरे रिश्ते में रहता था। दीपू ने कभी भी अपने गरीबी को अपनी कमजोरी नहीं माना, बल्कि उसने हमेशा अपने माता-पिता के साथ मुस्कराहटें साझा की हैं।

 

दिसंबर के पहले हफ्ते में ही दीपू ने अपने गाँव में सुना कि सांता क्लॉज आने वाले हैं। उसने अपने मित्रों से मिलकर खुशियों की तैयारी की, लेकिन उसका मन में एक ही सवाल था - क्या सांता उसे भी कोई तोहफा देंगे? दीपू के मित्रों ने उसे हंसते हुए कहा, "दीपू , सांता क्लॉज सभी बच्चों को तोहफे देते हैं। तू भी लेगा!"

 

लेकिन दीपू का मन कहीं और था। वह चाहता था कि सांता ना सिर्फ उसे बल्कि उसके माता-पिता को भी कोई तोहफा दें। उसने अपने मित्रों को अपनी इच्छा बताई, और सभी ने मिलकर दीपू का साथ देने का निश्चय किया।

 

गाँव के सभी बच्चे बड़े उत्साह से सांता की आगमन की राह बनाने में जुट गए। दीपू और उसके मित्र ने भी एक खूबसूरत सा बनाया हुआ स्वागत बोर्ड तैयार किया, जिसमें उन्होंने लिखा था, "सांता क्लॉज, कृपया यहां रुकें! हम आपकी मुलाकात का स्वागत करते हैं।"

 

दिसंबर 24 को, गाँव में एक बड़ा मेला आयोजित हुआ, और बच्चों ने संगीत, नृत्य, और खासकर सांता क्लॉज का स्वागत करने के लिए खूबसूरत रूप से सजाया। दीपू ने भी अपने मित्रों के साथ मिलकर उत्साहिती से स्वागत का हिस्सा बना।

 

जब सांता क्लॉज गाँव की प्राथमिक विद्यालय में पहुँचे, तो उन्हें बच्चों की खुशियों का यह नजारा देखकर उनकी आंखों में आंसू गए। वह बच्चों के उत्साह और प्यार से चिरपिंग थे।

 

सांता क्लॉज ने गाँववालों के साथ मिलकर खेतों में खेती करने वाले किसानों को तोहफे देने का निर्णय किया। दीपू ने देखा कि सांता क्लॉज एक सुंदर सी खेती की अनगिनत जगहों को अच्छे से सजाकर खेती कर रहे हैं और बच्चों को भी यह काम में शामिल कर रहे हैं।

 

दीपू  ने तुरंत अपने मित्रों को बुलाया और उन्हें सांता क्लॉज की इस अद्भुत क्रिया के बारे में बताया। सभी मित्रों ने मिलकर तय किया कि वे भी खेती के क्षेत्र में जाकर सांता क्लॉज की मदद करेंगे।

 

गाँववालों के साथ मिलकर सांता क्लॉज ने खेती के क्षेत्र को खुदाई करना शुरू किया। उन्होंने बच्चों को बताया कि यह तोहफा उनकी ओर से है, जिससे उन्हें खुदाई करने में और भी आनंद मिलेगा।

 

दीपू और उसके मित्रों ने भी खेती के क्षेत्र में जाकर मिलकर मदद करना शुरू किया। वे मिट्टी को हिलाकर पौधों को बोने और सांता क्लॉज के साथ मिलकर एक नया रंगीन साथी बन गए।

 

खेती के क्षेत्र में काम करते समय उन्होंने बच्चों को सिखाया कि कृषि का एक अहम हिस्सा भी है और वह बच्चों को यह बताएं कि अगर हम समृद्धि चाहते हैं तो हमें सहयोग करना होगा।

 

खेती के काम के बाद, सांता क्लॉज ने सभी बच्चों को अपने साथ एक बड़े सा दीप परिक्रमा में ले जाया। वहां, सभी ने मिलकर खुदाई की अच्छी काम के लिए शुक्रिया अदा किया और सांता क्लॉज ने बच्चों को एक-एक करके खूबसूरत तोहफे भी दिए।

खेती के क्षेत्र में खुशियों और सहयोग की बूंदें बिखेरते हुए, गाँववालों ने सांता क्लॉज का स्वागत किया और उन्हें धन्यवाद दिया क्योंकि उन्होंने गाँव के छोटे बच्चों को केवल तोहफे दिए बल्कि उन्हें सहयोग और समर्थन की भी महत्वपूर्ण सीख दी। सांता क्लॉज ने भी अपने दिल से गाँववालों का आभार स्वीकार किया और उन्हें बताया कि सहयोग और सामरिक समर्थन हम सभी को एक-दूसरे के साथ जोड़ सकते हैं और एक समृद्धि भरा जीवन जी सकते हैं।

 

इसके बाद, सांता क्लॉज ने गाँव के छोटे स्कूल में एक सामूहिक सभा बुलाई और वहां बच्चों को और उनके माता-पिता को सिखाया कि सामूहिक सहयोग और समर्थन से ही हम सभी मिलकर आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने बताया कि गाँव की सुरक्षित और समृद्धि से भरी जीवनशैली के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।

 

इस सभा के बाद, गाँववालों ने सांता क्लॉज को हृदय से धन्यवाद दिया और उन्हें गाँव का सम्मान भी दिया। दीपू ने अपने मित्रों के साथ मिलकर खुदाई के अच्छे काम के लिए भी सांता क्लॉज को धन्यवाद दिया और उन्हें एक छोटे से चिट्ठी में लिखा, "धन्यवाद सांता क्लॉज, तुमने हमें नहीं तोहफे ही साथ दिए हैं।"

 

इस अद्भुत अनुभव के बाद, गाँववाले और बच्चे समृद्धि और सहयोग की भावना से मिलकर रहने का संकल्प किया। गाँव की ठंडक में बदलते दिसंबर के मौसम ने केवल हर एक बच्चे को उत्साहित किया बल्कि समृद्धि और सहयोग की भावना से सजग किया।

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